Sunday, December 30, 2012

Chitrabharti Kathamala-04-Chocolate Aur Comics Visheshank


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चित्रभारती कथामाला -04-चॉकलेट और कॉमिक्स विशेषांक
 ये चॉकलेट की चौथी क़िस्त आपके सामने लेकर आया हूँ। ये चॉकलेट कुछ मामलों में बहुत खास है,पहली खासियत तो ये है की इस में आप को "प्राइवेट डिटेक्टिव कपिल" और "रूहों की घाटी " सिरीज़ का समापन हो रहा है,और दूसरी खासियत इसमें पुराने सुपर हीरो के जन्म के बारे में बेहतर जानकारी दी गयी है जिसमे "सुपरमैन", "स्पाइडर मैन" और "टिनटिन" प्रमुख है। हाँ मुझे इसमें "मास्टर जी" की कमी जरुर खली।
 बाकि चॉकलेट के सारे प्रमुख चरित्र अपने रंग में दिखेंगे। क्योंकि ये कॉमिक्स विशेषांक है इसलिए इसमें चित्रकथाओं के अलावा कुछ नहीं है कहने का मतलब सिर्फ ये है की इसमें हमेशा की तरह बिना चित्रों की कहानी पढने को नहीं मिलेगी।

आप इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर जल्दी ही दुबारा मिलते है .....
तब तक के लिए आप को नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनायें

Infinite Crisis 06


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Infinite Crisis 05


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Friday, December 28, 2012

Chitrabharti Kathamala-03-Chocolate Aur Jadu Ka Jangle


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चित्रभारती कथामाला -03-चॉकलेट और जादू का जंगल
 चॉकलेट पत्रिका की ये तीसरी क़िस्त है मेरी तरफ से। उम्मीद है आप को ये पत्रिका बहुत पसंद आ रही होगी। ठण्ड बहुत ज्यदा पड़ रही है लखनऊ, में इसलिए बिजली बहुत आ-जा रही है,ठण्ड में काम वैसे थी सुस्त हो जाता है ऊपर से ये बिजली,काम और ढीला,फिर भी समय से ये पत्रिका अपलोड हो रही है मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।
 इसमें आप वो सारे मजेदार चरित्रों से दुबारा मिलेंगे। "जूनियर जेम्स बांड","मास्टर जी",और "प्राइवेट डिटेक्टिव कपिल" की कहानी का दूसरा भाग पढेंगे और उसके बाद तो आप चॉकलेट के चौथे भाग के लिए तो बिलकुल भी इंतज़ार नहीं कर पाएंगे,और मै पूरी कोशिश करूँगा की वो 30 दिसम्बर 2012 तक जरुर अपलोड हो जाये,बाकि सब समय के हाथ में है।
 हाँ मै सब लोगो से एक बात जरुर कहना चाहूँगा,कि मै यहाँ जो कुछ भी लिखता हूँ वो मेरी व्यक्तिगत राय होती है। और यहाँ मै जो जानकारी भी देता हूँ वो भी पूरी तरह मेरे अनुसार होती है।मै अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूँ कि मेरी दी जानकारी पूरी तरह से सही हो,पर यदि आप के पास उससे बेहतर कोई जानकारी हो तो उसे यहाँ जरुर कहे। मै हमेशा आपके द्वारा दी गयी जानकारी का स्वागत करूँगा।
 मै भी इंसान हूँ गलतियाँ मुझसे भी होती है पर जब हम सब मिलकर अपना ज्ञान बाटेंगे तो गलतियाँ होने की सम्भावना बहुत कम हो जाएगी।
आप सब इस बेहतर पत्रिका का आनंद लें मै जल्दी ही आप से चॉकलेट के 4 अंक के साथ दुबारा मिलता हूँ। ............

Infinite Crisis 04

Infinite Crisis 03

Monday, December 24, 2012

Chitrabharti Kathamala-02-Chocolate Aur Ruhon Ki Ghati


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चित्रभारती-कथामाला-02-चॉकलेट रूहों की घाटी
 चॉकलेट नंबर -02 अपलोड कर हूँ, और ये मेरे लिए हर्ष की बात है। ये पत्रिका पहली वाली से भी बेहतर है। पढने के बाद आप महसूस करेंगे कि आप ने कुछ बहुत ही अच्छा पढ़ा है। "प्राइवेट डिटेक्टिव कपिल" की कहानी बहुत अधूरी होते हुवे भी बहुत अच्छी है पढने के बाद आप चॉकलेट नंबर -03 का इंतज़ार आप बहुत बुरी तरह से करेंगे इसका मेरा वादा है। इसके अलावा "जूनियर जेम्स बांड" की कहानी भी बहुत ही मजेदार है। इसके मास्टर जी पहले की तरह ही असरदार है, और जो भी बाकी की कहानिया भी बहुत ही अच्छी है। आप इस बेहतर पत्रिका को पढ़कर मुझे कई दिनों तक याद रखेंगे।
आप इस बेहतर पत्रिका का आनंद लें जल्दी ही  नयी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलते है।

Infinite Crisis 02


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Thursday, December 20, 2012

NUTAN COMICS-99-MUKABLA

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नूतन कॉमिक्स-99-भूतनाथ और मुकाबला
 नूतन कॉमिक्स के सबसे चर्चित चरित्र "भूतनाथ" और "मेघदूत" थे।इनकी हर कॉमिक्स का एक अपना स्तर था,भूतनाथ राज कॉमिक्स के नागराज की तरह और मेघदूत सुपर कमांडो ध्रुव की तरह था। जो कि मुझे बहुत पसंद है पर भूतनाथ की अलग ही बात थी। भूतनाथ इतना प्रशिद्ध था उतना शायद उस समय कोई दूसरा चरित्र नहीं था। जब प्रकाशक 32 पन्ने की कॉमिक्स निकलने से डरते थे उस समय भूतनाथ की 48 पन्नो की बड़ी आकार की 8 कॉमिक्स(ज्यदा या कम के बारे में किसी को जानकारी हो तो कृपा अवगत करवाए ) निकली गयी थी जो की खूब बिकी थी।दूसरे प्रकाशकों में सिर्फ मनोज कॉमिक्स ने "खुनी दानव" नाम की सिर्फ एक ही कॉमिक्स निकली थी जो की इससे ज्यादा पन्नो की कॉमिक्स थी और इस चरित्र की कॉमिक्स से ज्यादा बिकी थी। बाकी किसी ने उस समय इस आकार की कॉमिक्स छापने का साहस ही नहीं दिखा सके थे। इन 8 कॉमिक्स में से 4 तो मेरे पास है जिनमे से दो(इसको लेकर) अपलोड कर चूका हूँ बाकी दोनों भी जल्द ही अपलोड करने की कोशिश करूँगा।
 अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये-
 भूतनाथ और मेनका छुट्टी बिताने एक जगह गए थे उन्हें वहां की शांति में काफी आनंद आ रहा था,एक बार वो दोनों एक होटल में बैठ कर खा रहे थे, तभी कुछ बदमाश उस होटल में बैठे एक बुजुर्ग आदमी को आ कर मारने लगे भूतनाथ से ये देखा न गया और उसने उन बदमाशो को मार कर भगा दिया पर जाते-जाते एक बदमाश ने चाकू से उन बुजुर्ग को घायल कर दिया,बुजुर्ग से पता चला की ये ठाकुर समशेर के आदमी थे,अब भूतनाथ जहाँ भी ठाकुर शमशेर सिंह का नाम लेते तो डॉक्टर बुजुर्ग का इलाज़ न करने के लिए कोई न कोई बहाना बना देते। शमशेर सिंह की ये दहशत देखकर मेनका और भूतनाथ सकते में रह जाते है और शमशेर सिंह की दहशत से वहां के लोगो छुटकारा दिलाने का फैसला करते है। पर क्या ये सब इतना आसान होने वाला था ? ये जानने के लिए आप को इस बेहतरीन कॉमिक्स को पूरा पढना पडेगा।
 आप इस बेहतरीन कहानी का आनंद लें जल्द ही मै "चॉकलेट नम्बर दो" के साथ आप से दुबारा मिलता हूँ ........

NUTAN COMICS-99-MUKABLA

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नूतन कॉमिक्स-99-भूतनाथ और मुकाबला
 नूतन कॉमिक्स के सबसे चर्चित चरित्र "भूतनाथ" और "मेघदूत" थे।इनकी हर कॉमिक्स का एक अपना स्तर था,भूतनाथ राज कॉमिक्स के नागराज की तरह और मेघदूत सुपर कमांडो ध्रुव की तरह था। जो कि मुझे बहुत पसंद है पर भूतनाथ की अलग ही बात थी। भूतनाथ इतना प्रशिद्ध था उतना शायद उस समय कोई दूसरा चरित्र नहीं था। जब प्रकाशक 32 पन्ने की कॉमिक्स निकलने से डरते थे उस समय भूतनाथ की 48 पन्नो की बड़ी आकार की 8 कॉमिक्स(ज्यदा या कम के बारे में किसी को जानकारी हो तो कृपा अवगत करवाए ) निकली गयी थी जो की खूब बिकी थी।दूसरे प्रकाशकों में सिर्फ मनोज कॉमिक्स ने "खुनी दानव" नाम की सिर्फ एक ही कॉमिक्स निकली थी जो की इससे ज्यादा पन्नो की कॉमिक्स थी और इस चरित्र की कॉमिक्स से ज्यादा बिकी थी। बाकी किसी ने उस समय इस आकार की कॉमिक्स छापने का साहस ही नहीं दिखा सके थे। इन 8 कॉमिक्स में से 4 तो मेरे पास है जिनमे से दो(इसको लेकर) अपलोड कर चूका हूँ बाकी दोनों भी जल्द ही अपलोड करने की कोशिश करूँगा।
 अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये-
 भूतनाथ और मेनका छुट्टी बिताने एक जगह गए थे उन्हें वहां की शांति में काफी आनंद आ रहा था,एक बार वो दोनों एक होटल में बैठ कर खा रहे थे, तभी कुछ बदमाश उस होटल में बैठे एक बुजुर्ग आदमी को आ कर मारने लगे भूतनाथ से ये देखा न गया और उसने उन बदमाशो को मार कर भगा दिया पर जाते-जाते एक बदमाश ने चाकू से उन बुजुर्ग को घायल कर दिया,बुजुर्ग से पता चला की ये ठाकुर समशेर के आदमी थे,अब भूतनाथ जहाँ भी ठाकुर शमशेर सिंह का नाम लेते तो डॉक्टर बुजुर्ग का इलाज़ न करने के लिए कोई न कोई बहाना बना देते। शमशेर सिंह की ये दहशत देखकर मेनका और भूतनाथ सकते में रह जाते है और शमशेर सिंह की दहशत से वहां के लोगो छुटकारा दिलाने का फैसला करते है। पर क्या ये सब इतना आसान होने वाला था ? ये जानने के लिए आप को इस बेहतरीन कॉमिक्स को पूरा पढना पडेगा।
 आप इस बेहतरीन कहानी का आनंद लें जल्द ही मै "चॉकलेट नम्बर दो" के साथ आप से दुबारा मिलता हूँ ........

Infinite Crisis 01


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"Infinite Crisis" is,one of the most popular series publish by DC. All Super Hero's in DC universe is included in this series. As par as my knowledge this is 7 comics series with excellent all time artwork. must read comics series. These comics is not scanned and uploaded my me.
 Asutosh Brother given me these soft copies in DVD and i am trying to upload these series in my Blog.

Sunday, December 16, 2012

Chitra Bharti Kathamala-01-Choclate Aur Maut Ka Naach


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चित्रभारती कथामाला -01- चॉकलेट और मौत का नाच
 "चॉकलेट" पत्रिका जो की चित्रभारती कथामाला ने सर्वप्रथम प्रकाशित की थी वो मै आज अपलोड कर रहा हूँ। शुख्वंत जी के कलानिर्देशन में ये बहुत ही बेहतर पत्रिका थी। पर फिर भी ये 15 से कम ही छपी है,जो की विश्वास करने का मन नहीं करता। जितनी पत्रिकाएं मैंने आज तक पढ़ी है ये उन सबसे बेहतर है। अनुपम सिन्हा जी का पहला काम और उनका पहला चरित्र "प्राइवेट डिटेक्टिव कपिल" यही से शुरू हुवा था, और अनुपम जी का शुरु का काम बहुत बेहतर है और तो और "जूनियर जेम्स बांड" भी यही से छपना शुरू हुवा था और इस चरित्र को मेरी जानकारी के अनुसार चित्रभारती कथामाला, परम्परा कॉमिक्स और नन्हे सम्राट ने भी छापा है।
 चॉकलेट सीरिज में मेरे पास नम्बर-1,2,3,4,5,7,8और 11 है जिन्हें मैंने अपलोड करने का मन बनाया है जिसे जल्दी आप सब के लिए स्कैन करने की कोशिश करूँगा।
आप इस बेहतर पत्रिका आनंद ले फिर मिलते है ...........

Wednesday, December 12, 2012

Nutan Comics-Chalte purje

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नूतन चित्रकथा - चलते पुर्जे
 ये नूतन चित्रकथा में अमर-अकबर सिरीज़ की पहली कॉमिक्स होनी चाहिए,और तो और ये नूतन चित्रकथा की भी पहली कॉमिक्स होनी चाहीये (पर इसका पूर्ण ज्ञान मुझे नहीं है). राम-रहीम की कॉमिक्स के पहले या फिर साथ साथ ही अमर-अकबर का उदय कॉमिक्स की दुनिया हुवा था,और ये नूतन चित्रकथा में सबसे ज्यादा बिकने वाले चरित्र में से एक था। कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स बिलकुल राम-रहीम की कॉमिक्स जैसे ही होते थे। पर जो काम राम-रहीम की कहानियों के साथ "विमल चटर्जी" जी ने किया वो काम यहाँ नहीं हो पाया, पर फिर इनकी कहानिया बहुत ही अच्छी होती थी अगर चित्रों ने बेहतर तरीके से इनकी कहानियों का साथ दिया होता तो शायद हम राम-रहीम से ज्यादा अमर-अकबर को पढ़ते।
 हाँ अब डायमंड कॉमिक्स की पुरानी कॉमिक्स पढने वालों के लिए खुशखबरी है ,डायमंड कॉमिक्स ने अपने पुराने कॉमिक्स दुबारा से प्रिंट करना शुरू कर दिया है,अब हमें किसी को भी फालतू पैसे देकर उन्हें खरीदने की जरुरत नहीं है वो बाज़ार में 30 रूपये/कॉमिक्स में उपलब्ध है। वहां से कॉमिक्स ख़रीदे जिससे डायमंड कॉमिक्स बाकि बचे हुवे कॉमिक्स भी प्रिंट कर दे।
 अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये। बहुत ही बेहतर कहानी है,और कहानी का रहस्य आखरी पन्नो में ही खुलता है, कहानी तेज़ रफ़्तार है और बांध कर रखता है।
डागर ने अमर-अकबर को लगाया एक गुडिया की खोज में और किया मालामाल करने का वादा और जब इन दोनों ने शुरु की गुडिया खोज करने का काम तो शुरू हुवा हत्याए होने का सिलसिला।
 फिर क्या हुवा ?
 क्या अमर-अकबर गुडिया की खोज कर सके?
 गुडिया में ऐसा क्या था जिसके लिए कई हत्याएं हवी?
आप इस बेहतर कॉमिक्स का आनंद ले फिर मिलते है ......

Friday, December 7, 2012

Comics Anand-05-Sansanikhej Chori


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कॉमिक्स आनंद -05-सनसनीखेज चोरी
 कॉमिक्स आनंद,ये उन पब्लिकेशन में से एक है जिन्होंने हिंदी कॉमिक्स के सुनहरे दौर में कॉमिक्स छापी थी पर ये उन पब्लिकेशन में से एक है जिन्होंने 50 से कम कॉमिक्स कॉमिक्स छापी है।अगर मै इनके बारे में और बात करूँ तो जो मुझे महसूस हुआ है वो ये है की कॉमिक्स की छपाई और चित्र तो बेहतर है पर कहानी को लेकर मुझे लगता है की वो एक कमी है।और इनका प्रचार और प्रसार पर भी ज्यदा ध्यान नहीं दिया गया था वरना ये इतनी कम छपने लायक तो बिलकुल नहीं था। मुझे जो एक बात लगती है की ये पब्लिकेशन, कॉमिक्स को लेकर बहुत ज्यदा सजग नहीं था और मनोज कॉमिक्स और राज कॉमिक्स जैसे बाज़ार का ज्ञान भी नहीं था।
 अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये तो ये कॉमिक्स कहानी के लिहाज़ से बेहतर है पर ऐसा लगता है की कहानी का मसाला कम है जिसके कारण एक- एक पन्ने में दो या तीन फ्रेम के चित्र ही है। फिर भी कहानी अच्छी है और कुछ नया सा आभास देती है, और इसे पढने लायक बनती है। आप सब इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है ......

Tuesday, December 4, 2012

Chitrabharti Kathamala-Baton Ka Badshah


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चित्रभारती कथामाला-बातों का बादशाह
 पहले बात इस प्रकाशन की कर ली जाए,चित्रभारती कथामाला एस.चाँद प्रकाशन ने कॉमिक्स भी छापी थी,ये बात मुझे अभी सिर्फ 5 साल पहले मालूम हुई थी,वो भी अनुपम अग्रवाल जी द्वारा। तब वो चित्रभारती कॉमिक्स का संग्रह कर रहे थे और मुझे तो इस बारे में कुछ पता ही नहीं था और उनका इनके संग्रह करने के पीछे जो कारण था वो अनुपम सिन्हा जी का सुरु का काम जो की चित्रभारती में ही आया था। मै तो एस .चाँद वालों को तो सिर्फ अपनी कोर्स की किताबों के कारण जनता था।फिर उनके आग्रह पर मैंने चित्रभारती कथामाला उनके लिए ढूँढना सुरु किया।और मुझे ये कॉमिक्स मिलनी सुरु हो गयी आज मेरे पास भी इस प्रकाशन की कई कॉमिक्स हो गयी है।
 अब बात इस कॉमिक्स की कहानी पर कर ली जाये . कहानी में सबसे अहम् होता है उसका नाम,और इस कहानी के साथ भी कुछ ऐसा ही है नाम है "बातों का बादशाह" मेरी समझ में जो इस नाम से आया था वो ये की ये किसी ऐसे इन्सान की कहानी होगी जो सिर्फ बात ही करता होगा,जैसा की अक्सर होता है,हम बाते तो बड़ी-बड़ी कर देते है पर काम कुछ नहीं हो पता।
पर इस कहानी में एक ऐसे बातूनी की कहानी है जो अपने बातों से अपना जीवन बना डालता है। जो की मेरे हिसाब से बिलकुल भी नहीं संभव है। इंसान को कर्म प्रधान होना चाहिए न की शब्द प्रधान। अगर मै कहानी की बात करूँ तो मुझे ये कहानी बिलकुल भी अच्छी नहीं लगी,पहला कारण तो ऊपर है लिख चूका हूँ। और बातों से अपना जीवन बनाने वाले बातूनी की सफलता को दिखाने में काफी झोल है,जो की गले नहीं उतरती। फिर भी आप इस कहानी का आनंद लेने की कोशिश करे फिर जल्दी ही मिलते है .........

Tinkle_001


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Sunday, December 2, 2012

Nutan Comics-Chutki Aur Shahad


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नूतन कॉमिक्स - छुटकी और शहद
 जैसा की मै पहले ही बता चूका हूँ की "छुटकी" डायमंड कॉमिक्स में 'प्राण'जी के चरित्र "पिंकी" की नक़ल है जो की पिंकी की कॉमिक्स के मुकाबले तो इसकी कहानियां नहीं होती है फिर भी इन कॉमिक्स का अपना अलग स्तर था जो की बहुत अच्छा है.
इस तरह की कहानियों की सबसे बड़ी खासियत ये होती है की ये बहुत ही सरल और छोटी होती है जो की इनको समझने में मदद मिलती है। इन कहानियों को पढने के लिए आप का बुद्धिजीवी होना बिलकुल भी जरुरी नहीं है बस आप थोडा बहुत पढना जानते हो तो ये आप इनका आनंद ले सकते है। अगर हम अपनी पहली कॉमिक्स के बारे में सोचे तो निश्चित ही इन तरह की कॉमिक्स के साथ ही हम सब ने कॉमिक्स पढना शुरु किया होगा. अगर मै अपनी बात करूँ तो मेरी पहली कॉमिक्स चाचा चौधरी और उड़ने वाली कार थी। किसी बच्चे को जिसने अभी अभी पढना शुरू किया है तो उसे आप इस तरह की कॉमिक्स पढने को दे दीजिये और आप पाएंगे की वो पढना बड़े ही अच्छे तरीके से सीख रहा है और मैंने हिंदी इन्ही तरह की कॉमिक्स से ही सीखी है।
आप इस मजेदार कॉमिक्स का आनंद ले फिर जल्दी ही मिलते है .......

Nutan Comics-Chutki Aur Shahad


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नूतन कॉमिक्स - छुटकी और शहद
 जैसा की मै पहले ही बता चूका हूँ की "छुटकी" डायमंड कॉमिक्स में 'प्राण'जी के चरित्र "पिंकी" की नक़ल है जो की पिंकी की कॉमिक्स के मुकाबले तो इसकी कहानियां नहीं होती है फिर भी इन कॉमिक्स का अपना अलग स्तर था जो की बहुत अच्छा है.
इस तरह की कहानियों की सबसे बड़ी खासियत ये होती है की ये बहुत ही सरल और छोटी होती है जो की इनको समझने में मदद मिलती है। इन कहानियों को पढने के लिए आप का बुद्धिजीवी होना बिलकुल भी जरुरी नहीं है बस आप थोडा बहुत पढना जानते हो तो ये आप इनका आनंद ले सकते है। अगर हम अपनी पहली कॉमिक्स के बारे में सोचे तो निश्चित ही इन तरह की कॉमिक्स के साथ ही हम सब ने कॉमिक्स पढना शुरु किया होगा. अगर मै अपनी बात करूँ तो मेरी पहली कॉमिक्स चाचा चौधरी और उड़ने वाली कार थी। किसी बच्चे को जिसने अभी अभी पढना शुरू किया है तो उसे आप इस तरह की कॉमिक्स पढने को दे दीजिये और आप पाएंगे की वो पढना बड़े ही अच्छे तरीके से सीख रहा है और मैंने हिंदी इन्ही तरह की कॉमिक्स से ही सीखी है।
आप इस मजेदार कॉमिक्स का आनंद ले फिर जल्दी ही मिलते है .......

Parampara Comics - 141 Tukdon Me Bati Lash

Pawan Comics - Vichitra Paheli

Nutan Comics - 72 Chacha Chaturi aur Raket Gun


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Nutan Comics - 72 Chacha Chaturi aur Raket Gun


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Friday, November 30, 2012

Nutan Comics-245Chatur Mantri


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नूतन कॉमिक्स-445-चतुर मंत्री
 ये उस समय की कॉमिक्स थी जब राजा-महाराजा की कहानियों का दौर था। और ये कहानियां बहुत पसंद की जाती थी और अगर मै आज के दौर की बात करूँ तो आज का दौर सुपर हीरो का है पर हमारे जैसे पुराने कॉमिक्स प्रेमी आज भी इन्ही राजा-महाराजा की कहानी को पसंद करते है। इस कॉमिक्स को पढने के बाद मुझे अभी तक ये नहीं समझ में आ रहा है की इस कॉमिक्स का विवरण कैसे दूँ . कहानी की भूमिका तो बेहतर तरह से बांधी गयी है और कहानी की सुरुवात भी बेहतर तरीके से की गयी है पर फिर पता नहीं क्यों मुझे कहानी पढने में उतना मज़ा नहीं आया जैसे की मैंने उम्मीद की थी। पर बहुत सोचने के बाद में मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है की ऐसा क्यों कर हुवा है।

कहानी शुरू होती है एक ऐसे राजा से जो की किसी दुसरे राजा के अधीन हो कर राज्य चलता है पर जैसा की हम सभी मानते है की किसी के अधीन राज्य चलाना आसान भी नहीं और किसी को ये अच्छा भी नहीं लगेगा। यही कारण है राजा के दुखी होने का, और महारानी और मंत्री जी ने उठा  लिया है राजा के इस दुख को दूर करने का बीड़ा जो की बहुत ही कठिन कार्य है। पहले तो उनको अपने राज्य के गदारों को खोजकर उनको ख़तम करना है और फिर उस शक्तिशाली राजा के विरुद्ध लडाई करके उससे अपने राज्य को आजाद करवाना है। ये सब कैसे होता है और इसके लिए महारानी और मंत्री कैसे काम करते है वो ही इस कहानी का मुख्य आकर्षण है। इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है .......

Nutan Comics-245Chatur Mantri


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नूतन कॉमिक्स-445-चतुर मंत्री
 ये उस समय की कॉमिक्स थी जब राजा-महाराजा की कहानियों का दौर था। और ये कहानियां बहुत पसंद की जाती थी और अगर मै आज के दौर की बात करूँ तो आज का दौर सुपर हीरो का है पर हमारे जैसे पुराने कॉमिक्स प्रेमी आज भी इन्ही राजा-महाराजा की कहानी को पसंद करते है। इस कॉमिक्स को पढने के बाद मुझे अभी तक ये नहीं समझ में आ रहा है की इस कॉमिक्स का विवरण कैसे दूँ . कहानी की भूमिका तो बेहतर तरह से बांधी गयी है और कहानी की सुरुवात भी बेहतर तरीके से की गयी है पर फिर पता नहीं क्यों मुझे कहानी पढने में उतना मज़ा नहीं आया जैसे की मैंने उम्मीद की थी। पर बहुत सोचने के बाद में मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है की ऐसा क्यों कर हुवा है।

कहानी शुरू होती है एक ऐसे राजा से जो की किसी दुसरे राजा के अधीन हो कर राज्य चलता है पर जैसा की हम सभी मानते है की किसी के अधीन राज्य चलाना आसान भी नहीं और किसी को ये अच्छा भी नहीं लगेगा। यही कारण है राजा के दुखी होने का, और महारानी और मंत्री जी ने उठा  लिया है राजा के इस दुख को दूर करने का बीड़ा जो की बहुत ही कठिन कार्य है। पहले तो उनको अपने राज्य के गदारों को खोजकर उनको ख़तम करना है और फिर उस शक्तिशाली राजा के विरुद्ध लडाई करके उससे अपने राज्य को आजाद करवाना है। ये सब कैसे होता है और इसके लिए महारानी और मंत्री कैसे काम करते है वो ही इस कहानी का मुख्य आकर्षण है। इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है .......

Monday, November 26, 2012

Pawan Comics-Ratangadh Ka Yovraj


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पवन कॉमिक्स -रतनगढ़ का युवराज
 इतने दिन से काफी बाते हमारे बीच होती आई है, और जहाँ तक मुझे लगता है कि आप सब ये जरुर जानना चाहते होंगे की आखिर कॉमिक्स को स्कैन से लेकर अपलोड तक किस -किस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और इन सब में कितना समय लगता है। सच कहूँ तो मुझे सबसे ज्यदा समय, कॉमिक्स को तलाश करने में लगता है। जिसकी कोई समय नहीं सीमा है। कभी- कभी तो हफ़्तों लग जाते और कभी-कभी तो मिनटों में काम हो जाता है। फिर शुरु होता है असली काम,पहले कॉमिक्स के पन्नों को देखना की वो पूरें हैं कि नहीं इसमें 5 मिनट लगते है। फिर कॉमिक्स के पिन निकालकर उसे अलग करना और फिर एक-एक पन्ने को अलग-अलग 300 dpi पर स्कैन करना जिससे उसमे कोई भी कमी न रह जाए और ये काम लेता है पूरे 50 या 25 मिनट (बड़ी कॉमिक्स 32 पन्ने वाली,और छोटी कॉमिक्स 32 पन्ने ) और फिर उसे कम्पूटर पर सेव करना। फिर शुरु होता है फोटोशॉप पर काम जिसमे कॉमिक्स को क्रॉप करना और रंगों के साथ थोडा बहुत काम जो लेता है कम से कम 30 मिनट। फिर उस फोल्डर को .cbr फाइल में बदल कर अपलोड करना जो की लेता है कम से कम 30 मिनट।आप को लग रहा होगा की अब काम ख़तम , लेकिन नहीं इसके बाद आप के लिए कुछ लिखना और उसे ब्लॉग और ऑरकुट कम्युनिटी पर आप सबके सामने रखना जो की लेता है 45 मिनट से भी ज्यदा। तब जा कर कोई कॉमिक्स आप तक पहुचती है कुल मिलाकर 3 घंटो का मेहनत भरा काम जो की मै पांच साल से लगातार कर रहा हूँ और मेरी पूरी कोशिश होगी हमेशा ऐसा ही करता रहूँ।
 मेरी किसी से कोई प्रतियोगिता नहीं है,मै अपनी गति से काम करता हूँ जो मुझसे बेहतर करता है या भबिष्य करेगा उसको नमन, और जो नहीं कर पाता है उसके लिए मेरे दिल में सम्मान और बढ़ जाता है की वो अपने अनमोल समय से कुछ समय (बहुत थोडा ही सही ) निकलता है। शायद उनके पास उतना भी समय न हो।

 अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये, ये कॉमिक्स मेरे पास बहुत दयानिए स्थिति में है और मैंने इसे पढ़ा भी नहीं था पर कल जब कॉमिक्स स्कैन की तो लगा की पढ़ कर देखते है। कहानी के लिहाज़ से ये एक बेहतर कॉमिक्स है ,मेरी उम्मीद से कही बेहतर कॉमिक्स निकली।कहानी बेहतर तरीके से लिखी गयी है जो की बाँध कर रखती है.
 रतनगढ़ के शांतिप्रिय राजा का पडोसी रतनगढ़ को जीतने के लिए छल से रतनगढ़ के जंगलों में पहुँचता है और रतनगढ़ के सेनापति से मिलकर रतनगढ़ पर हमले की योजना बनता है,आगे क्या होता है इसके लिए आप इस बेहतर कॉमिक्स का आनंद ले फिर मिलते है ................

Thursday, November 22, 2012

Nutan Comics-167-Chutki Aur Heron Ka Haar

नूतन कॉमिक्स-167- छुटकी और हीरों का हार
 मेरे प्यारे मित्रों, इस सप्ताह अगर देखा जाये तो मेरे लिए शांति से बीता,इसका मतलब ये ना लगाया जाये की 7 दिनों मेरे बारे में कुछ नहीं कहा गया,अब तो मुझे इस बात की आदत हो गयी है,इसलिए अब मुझ पर इन सब बातों का असर कम समय तक होने लगा है (बेशर्म हो गया हूँ ),लेकिन एक सुखद बात जरुर पता चली और वो ये है की जो इंसान, बिना मुझे जाने,बिना मुझे पहचाने मेरे बारे में कुछ भी कह रहा था वो असल में कौन है,और उससे भी बड़ी बात की वो ये सब क्यों कर रहा है,और ये जानकर थोडा दुख भी हुआ और संतोष भी। कारण भी इतना छोटा है की मुझे ऐसी बात बताने का मन तो नहीं कर रहा है। पर लोगो को सही बात पता तो चलना ही चाहिए। "साहब" लेखक और चित्रकार बनना चाहते है और उनकी मदद वो इंसान कर सकते है जो शायद मेरी बुराई सुनना चाहते थे ,(अब मुझे नहीं लगता, उनको मेरी बुराई सुनने में कोई मज़ा आ रहा होगा ) बस उनको खुश करने के लिए मुझे बिना जाने, बिना पहचाने मेरे बारे में उल्टा- सीधा लिखना शुरू कर दिया है जो की आज तक बादस्तूर जारी है। चलो मेरे ही कारण(मुझे गालियाँ देने से ) अगर किसी का भला हो जाता है तो मै ये सोचूंगा की मेरे से अनजाने में ही कोई अच्छा काम हो रहा है। "अब मै आप की किसी बात का बुरा नहीं मानूंगा आप मेरे बारे में कुछ भी लिखने को पूरी तरह से आज़ाद है"। आप अपने लिए अगर कुछ कर रहे है तो वो गलत नहीं हो सकता, और अगर कुछ गलत है तो वो देखने का काम मेरा नहीं इश्वर का है वो खुद सब देख लेंगे।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये, इस तरह की कॉमिक्स को देखने के बाद एक बात का पूरी तरह से विश्वास हो जाता है कि कॉमिक्स की हद से ज्यदा मांग थी इसलिए कॉमिक्स छापने के लिए लोगो ने नक़ल का खूब इस्तेमाल किया, ये कॉमिक्स "प्राण" के चरित्र "पिंकी" की हुबहू नक़ल है। अगर कुछ बदला है तो वो सिर्फ लेखक और उनकी कहानी।(कम से कम कहानी की नक़ल नहीं की ). आप से समझ कर इस कॉमिक्स को पढ़ सकते है की आप पिंकी की कोई और कॉमिक्स पढ़ रहे है जिसे "प्राण" जी ने नहीं बनाया और लिखा है। कहानी वैसे ही छोटी -छोटी और मजेदार है जैसे पिंकी की कॉमिक्स होती है,पर "प्राण" जी से इसकी तुलना नहीं करना चाहिए क्योंकि उनका मुकाबला तो कोई कर ही नहीं सकता,पर फिर भी कहानी बेहतर ही है और पढने के लायक है। आप इन बेहतरीन कहानियों का आनंद लें जल्दी है आप सब से दुबारा मिलता हूँ ......./.

Nutan Comics-167-Chutki Aur Heron Ka Haar

नूतन कॉमिक्स-167- छुटकी और हीरों का हार
 मेरे प्यारे मित्रों, इस सप्ताह अगर देखा जाये तो मेरे लिए शांति से बीता,इसका मतलब ये ना लगाया जाये की 7 दिनों मेरे बारे में कुछ नहीं कहा गया,अब तो मुझे इस बात की आदत हो गयी है,इसलिए अब मुझ पर इन सब बातों का असर कम समय तक होने लगा है (बेशर्म हो गया हूँ ),लेकिन एक सुखद बात जरुर पता चली और वो ये है की जो इंसान, बिना मुझे जाने,बिना मुझे पहचाने मेरे बारे में कुछ भी कह रहा था वो असल में कौन है,और उससे भी बड़ी बात की वो ये सब क्यों कर रहा है,और ये जानकर थोडा दुख भी हुआ और संतोष भी। कारण भी इतना छोटा है की मुझे ऐसी बात बताने का मन तो नहीं कर रहा है। पर लोगो को सही बात पता तो चलना ही चाहिए। "साहब" लेखक और चित्रकार बनना चाहते है और उनकी मदद वो इंसान कर सकते है जो शायद मेरी बुराई सुनना चाहते थे ,(अब मुझे नहीं लगता, उनको मेरी बुराई सुनने में कोई मज़ा आ रहा होगा ) बस उनको खुश करने के लिए मुझे बिना जाने, बिना पहचाने मेरे बारे में उल्टा- सीधा लिखना शुरू कर दिया है जो की आज तक बादस्तूर जारी है। चलो मेरे ही कारण(मुझे गालियाँ देने से ) अगर किसी का भला हो जाता है तो मै ये सोचूंगा की मेरे से अनजाने में ही कोई अच्छा काम हो रहा है। "अब मै आप की किसी बात का बुरा नहीं मानूंगा आप मेरे बारे में कुछ भी लिखने को पूरी तरह से आज़ाद है"। आप अपने लिए अगर कुछ कर रहे है तो वो गलत नहीं हो सकता, और अगर कुछ गलत है तो वो देखने का काम मेरा नहीं इश्वर का है वो खुद सब देख लेंगे।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये, इस तरह की कॉमिक्स को देखने के बाद एक बात का पूरी तरह से विश्वास हो जाता है कि कॉमिक्स की हद से ज्यदा मांग थी इसलिए कॉमिक्स छापने के लिए लोगो ने नक़ल का खूब इस्तेमाल किया, ये कॉमिक्स "प्राण" के चरित्र "पिंकी" की हुबहू नक़ल है। अगर कुछ बदला है तो वो सिर्फ लेखक और उनकी कहानी।(कम से कम कहानी की नक़ल नहीं की ). आप से समझ कर इस कॉमिक्स को पढ़ सकते है की आप पिंकी की कोई और कॉमिक्स पढ़ रहे है जिसे "प्राण" जी ने नहीं बनाया और लिखा है। कहानी वैसे ही छोटी -छोटी और मजेदार है जैसे पिंकी की कॉमिक्स होती है,पर "प्राण" जी से इसकी तुलना नहीं करना चाहिए क्योंकि उनका मुकाबला तो कोई कर ही नहीं सकता,पर फिर भी कहानी बेहतर ही है और पढने के लायक है। आप इन बेहतरीन कहानियों का आनंद लें जल्दी है आप सब से दुबारा मिलता हूँ ......./.

Goyal Comics - 107 Kale Pahad Ka Bauna Shaitaan


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Goyal Comics - 106 Sanpon Ki Barish


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Veva Chitra Katha - Krishnatar 1 - Krishna ka Janam


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Veva Chitra Katha - Ramayan 1 - Ayodhya ke Rajkumar


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Veva Chitra Katha - Ramayan 2 - Sita Haran


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Veva Chitra Katha - Ramayan 3 - Lanka Dahan

Saturday, November 17, 2012

Ajay Chitrakatha-Pratishodh Ki Jwala


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अजय चित्रकथा-प्रतिशोध की ज्वाला
 जैसा की आप सब जानते है की दिवाली अभी होकर बीती है. दिवाली पर ज्यदा काम होने के कारण स्कैनिंग नहीं हो पा रहा था, साथ ही साथ दिवाली पर थोड़ी चोट भी लग गयी, तो काम थोडा और मुश्किल हो गया. इश्वर की कृपा है की चोट ज्यादा नहीं लगी है,इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है. सोमवार के बाद दुबारा स्कैन करना शुरु करूँगा, ये पहले से स्कैन थी तो इसे आज अपलोड कर रहा हूँ.
अब कुछ बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये. कहानी के लिहाज़ से इससे बकवास कॉमिक्स मैंने शायद ही कभी पढ़ी होगी. मेरे हिसाब से इस कॉमिक्स में पढने लायक कुछ भी नहीं है, ऐसा लगता है जैसे कुछ भी लिख दिया है, कोई सोच समझ में नहीं आती,चित्र भी बिना रंगों के है जो की चित्रों का भी मज़ा नहीं दे पा रहा है. अगर इस कॉमिक्स की कुछ खास बात है तो वो सिर्फ ये है की ये कॉमिक्स बहुत पुरानी, जहाँ तक मेरा अंदाजा है १९७८ से पहले की होनी चाहिए बाकि इसमें कुछ भी अच्छा कम से कम मुझ तो नहीं दिखा. आप भी पढ़ कर देख लें शायद आप को कुछ अच्छा लग जाये वैसे मुझे इस बात की कोई उम्मीद बिलकुल भी नहीं है. आप इस कॉमिक्स को किसी तरह झेलियें आप से फिर जल्दी ही मिलता हूँ ...........

Tuesday, November 13, 2012

Nutan Chitrakatha-47-Sone Ka Pahaad

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नूतन चित्रकथा-४७- सोने का पहाड़
सर्वप्रथम आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
 जैसा की आप सभी जानते ही है कि पिछले कई दिन मेरे लिए बहुत मुश्किल थे,हर दूसरा आदमी मेरे बारे में अपने ऑरकुट में कुछ न कुछ लिखता रहा,जो कि मेरे लिए बहुत ही कष्टकारी था,कुछ महानात्मएं ऐसी भी थी जिन्होंने मुझे, गधा और सुअर   बोलने तक से परहेज़ नहीं किया,साथ ही साथ मुझे सबक सिखाने कि धमकी तक दी(रोका किसने है मेरा फ़ोन नंबर और घर का पता ऑरकुट में लिखा हुआ है,जो करना हो कर लो. मुझे जो करना था  कर लिया है और आगे भी जो करना होगा कर ही दूंगा, कहूँगा कुछ नहीं.)और तो और कुछ ऐसे लोग भी है  जो ५० से ऊपर हो चुके है फिर भी मुझे गलियां देने वालों को रोकने के बजाये भड़काने में लगे है जिससे उनकी रोटियां सिकती रहे.अब आप सब अंदाज़ा लगा सकते है कि मुझ पर क्या बीत रही होगी,फिर भी न बोलने कि बात को लेकर मै आत्मनियंत्रण कि स्थिति में था.
बहुत दुखी होने के बाद भी मै कही कुछ नहीं बोला और न आज कुछ कह रहा हूँ ,ये उनके विचार है और उनके विचारों को लेकर मै कुछ नहीं कहना चाहता हूँ . फिर बहुत ही दुखी मन से मैंने "विजेता भूतनाथ" अपलोड की और अपने चाहने वालों से अपने लिए इश्वर से प्राथना करने को कहा था की मुझे कॉमिक्स और पैसे मिलते रहे जिससे मै उनकी वही सेवा करता रहू जो आज कर रहा हूँ , आप खुद भी विश्वाश नहीं करेंगे की जैसे  ही मैंने लिखा था वैसे ही मुझ पर पैसों  की बौझार होने लगी आज मै उस से दुगना कमा रहा हूँ ,जो भूतनाथ वाली कॉमिक्स पोस्ट करते समय कमा रहा था,मेरा काम होम टियुसन से ज्यादा चलता है और उसी दिन मुझे अडवांस पैसे देकर लोगो ने अपने बच्चों को पढ़ने के लिए बुलवाया जो की मेरी जिन्दगी में पहली बार हुवा था. अब एक बात तो साफ़ हो गयी है की मेरा बुरा चाहने वालों से मेरा भला चाहने वाले १००० गुना से भी ज्यदा है और वो सच्चे दिल से मेरे लिए इश्वर से प्राथना करते है और इश्वर उनकी प्राथना बहुत सुनते है.
आप सब का हार्दिक धन्यवाद.
 मै भी सच्चे दिल से इश्वर से प्राथना करता हूँ की वो आप सब के घरों में धन और खुशियों की कोई कमी न रखे. और उनके लिए भी मै भगवान् से यही प्राथना करता हूँ जो मेरे लिए दुर्भावना रखते है की भगवान् उनकी भी सारी इच्छाए पूरी करें. और इस दीपावली उनका मन खुश और शांत रहे.
अब बात इस कॉमिक्स की कर ले जाये, ये कॉमिक्स भूतनाथ सिरीज़ की कॉमिक्स है और जैसा की भूतनाथ सिरीज़ की ये चौथी कॉमिक्स मेरे ब्लॉग पर अपलोड हो रही है कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स बहुत ही बेहतर है,पर विजेता भूतनाथ की तुलना में ये कुछ कमजोर दिखती है. कहानी  शुरु होती है समुन्द्र में  भागते अपराधियों को एक बोतल में मिले पत्र और नक्से से जिसमे  सोने के पहाड़ का जिक्र है. बस अपराधी उन सोने के पहाड़ को पाने की ठान लेते है और फिर शुरु होती है ये खूनी   दास्तान, जिसमे में अपराधी लेते है खूंखार डकुवों का सहारा और बेचारे असहाय जंगली लेते है भूतनाथ का सहारा. और फिर किस तरह से ये कहानी आगे बढती है ये ही इस कहानी का मुख्य आकर्षण है. आप सब इस बेहतर कहानी का आनंद ले और मेरे लिए इश्वर से प्राथना करते रहे
 मै जल्दी ही आप सब से फिर एक नयी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलता हूँ ..........

Nutan Chitrakatha-47-Sone Ka Pahaad

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नूतन चित्रकथा-४७- सोने का पहाड़
सर्वप्रथम आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
 जैसा की आप सभी जानते ही है कि पिछले कई दिन मेरे लिए बहुत मुश्किल थे,हर दूसरा आदमी मेरे बारे में अपने ऑरकुट में कुछ न कुछ लिखता रहा,जो कि मेरे लिए बहुत ही कष्टकारी था,कुछ महानात्मएं ऐसी भी थी जिन्होंने मुझे, गधा और सुअर   बोलने तक से परहेज़ नहीं किया,साथ ही साथ मुझे सबक सिखाने कि धमकी तक दी(रोका किसने है मेरा फ़ोन नंबर और घर का पता ऑरकुट में लिखा हुआ है,जो करना हो कर लो. मुझे जो करना था  कर लिया है और आगे भी जो करना होगा कर ही दूंगा, कहूँगा कुछ नहीं.)और तो और कुछ ऐसे लोग भी है  जो ५० से ऊपर हो चुके है फिर भी मुझे गलियां देने वालों को रोकने के बजाये भड़काने में लगे है जिससे उनकी रोटियां सिकती रहे.अब आप सब अंदाज़ा लगा सकते है कि मुझ पर क्या बीत रही होगी,फिर भी न बोलने कि बात को लेकर मै आत्मनियंत्रण कि स्थिति में था.
बहुत दुखी होने के बाद भी मै कही कुछ नहीं बोला और न आज कुछ कह रहा हूँ ,ये उनके विचार है और उनके विचारों को लेकर मै कुछ नहीं कहना चाहता हूँ . फिर बहुत ही दुखी मन से मैंने "विजेता भूतनाथ" अपलोड की और अपने चाहने वालों से अपने लिए इश्वर से प्राथना करने को कहा था की मुझे कॉमिक्स और पैसे मिलते रहे जिससे मै उनकी वही सेवा करता रहू जो आज कर रहा हूँ , आप खुद भी विश्वाश नहीं करेंगे की जैसे  ही मैंने लिखा था वैसे ही मुझ पर पैसों  की बौझार होने लगी आज मै उस से दुगना कमा रहा हूँ ,जो भूतनाथ वाली कॉमिक्स पोस्ट करते समय कमा रहा था,मेरा काम होम टियुसन से ज्यादा चलता है और उसी दिन मुझे अडवांस पैसे देकर लोगो ने अपने बच्चों को पढ़ने के लिए बुलवाया जो की मेरी जिन्दगी में पहली बार हुवा था. अब एक बात तो साफ़ हो गयी है की मेरा बुरा चाहने वालों से मेरा भला चाहने वाले १००० गुना से भी ज्यदा है और वो सच्चे दिल से मेरे लिए इश्वर से प्राथना करते है और इश्वर उनकी प्राथना बहुत सुनते है.
आप सब का हार्दिक धन्यवाद.
 मै भी सच्चे दिल से इश्वर से प्राथना करता हूँ की वो आप सब के घरों में धन और खुशियों की कोई कमी न रखे. और उनके लिए भी मै भगवान् से यही प्राथना करता हूँ जो मेरे लिए दुर्भावना रखते है की भगवान् उनकी भी सारी इच्छाए पूरी करें. और इस दीपावली उनका मन खुश और शांत रहे.
अब बात इस कॉमिक्स की कर ले जाये, ये कॉमिक्स भूतनाथ सिरीज़ की कॉमिक्स है और जैसा की भूतनाथ सिरीज़ की ये चौथी कॉमिक्स मेरे ब्लॉग पर अपलोड हो रही है कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स बहुत ही बेहतर है,पर विजेता भूतनाथ की तुलना में ये कुछ कमजोर दिखती है. कहानी  शुरु होती है समुन्द्र में  भागते अपराधियों को एक बोतल में मिले पत्र और नक्से से जिसमे  सोने के पहाड़ का जिक्र है. बस अपराधी उन सोने के पहाड़ को पाने की ठान लेते है और फिर शुरु होती है ये खूनी   दास्तान, जिसमे में अपराधी लेते है खूंखार डकुवों का सहारा और बेचारे असहाय जंगली लेते है भूतनाथ का सहारा. और फिर किस तरह से ये कहानी आगे बढती है ये ही इस कहानी का मुख्य आकर्षण है. आप सब इस बेहतर कहानी का आनंद ले और मेरे लिए इश्वर से प्राथना करते रहे
 मै जल्दी ही आप सब से फिर एक नयी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलता हूँ ..........

Monday, November 12, 2012

Tamtam-07


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"टमटम नंबर ०७"
जब ये पत्रिका मैंने पहली बार देखी थी तो मेरे दिमाग में पहला सवाल ये आया था की ये कब छपी, मैंने उससे पहले इसका नाम भी नहीं सुना था देखने के बात बहुत दूर की है, और अगर ऐसी कोई पत्रिका मेरे संग्रह में न हो तो उसे लेने की प्रबल इच्छा मेरे दिल में उत्पन्न हो जाती है, और ठीक वैसा ही हुवा. पर इसका दाम सुना तो मेरी समझ में नहीं आया की क्या करूँ. अरुण भाई कुछ दिन पहले नूतन चित्रकथा की ३ कॉमिक्स (विजेता भूतनाथ,सोने का पहाड़,देश के दुश्मन सभी भूतनाथ ) और एक कॉमिक्स अजय चित्रकथा और एक आन्नद चित्रकथा, ये सभी कॉमिक्स मेरे पास नहीं थी और अरुण के अनुसार जो आदमी इन्हें बेच रहा था, वो इनके ५०० रूपये मांग रहा था, कॉमिक्स ऐसी थी जिन्हें छोड़ने का मेरा मन तो बिलकुल भी नहीं था, पर इतना महंगा लेना भी मुझे समझदारी नहीं लग रही थी, इसलिए मैंने इन्हें लेने से मना कर दिया, और अरुण भाई से विशेष प्राथना की, वो जितना संभव हो इसका दाम कम करवाने की कोशिश करें, उन्होंने बहुत अथक मेहनत के बाद ३ मिनी डायमंड और एक टमटम बढवाने में सफल हो गए और साथ ही साथ १०० रुपये भी कम करवा दिए, यानि कुल मिला कर ९ कॉमिक्स जिनमे से ३ मिनी कॉमिक्स ४०० रुपए में मिल रही थी और तब जा कर मैंने इन कॉमिक्स को खरीद लिया. इन सब को स्कैन करने का मन है मेरा, चार कॉमिक्स तो मै कर भी चूका हूँ एक रह गयी है अगर आज टाइम मिला तो उसे भी स्कैन कर दूंगा.
 अब बात इस टमटम की कर ली जाये तो ये एक बेहतर पत्रिका है और इसकी कहानियां और पत्रिकावों से बेहतर ही जान पड़ती है साथ ही साथ दुनियां के सिनेमा के बारे दी गयी जानकारी भी बहुत ही बेहतर है. आप सब इस बेहतर पत्रिका का आनंद ले,जल्दी ही दुबारा मिलते है .....

Thursday, November 8, 2012

NCV-51-Vijeta Bhootnath


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नूतन चित्रकथा - विजेता भूतनाथ
 भूतनाथ चरित्र देवकीनंदन खत्री जी ने चंद्रकांता में दिया था, और बाद में उन्होंने भूतनाथ पर और भी पुस्तकें लिखी. पर आप किसी शंका में मत पड़िए, ये वो भूतनाथ नहीं है. हाँ नाम जरुर वहां से लिया गया है.नूतन चित्रकथा ने भूतनाथ पर सबसे ज्यदा कॉमिक्स छापी,और इनका सबसे ज्यादा चलने वाला चरित्र भी था. कहानियों की लिहाज़ से मुझे भूतनाथ की कॉमिक्स से कोई शिकायत कभी भी नहीं थी पर उस समय इतनी कॉमिक्स छपती थी की सारी कॉमिक्स खरीद पाना संभव नहीं था.
अब कुछ इस कॉमिक्स के बात कर ली जाये, इस कॉमिक्स में सनकी वैज्ञानिक और सत्ता का लोभी काबिले का सरदार मिलकर एक देश के राष्ट्रपति का अपहरण करके सत्ता पर कब्ज़ा कर लेते है,और अपनी खोज के जरिये अच्छे भले इन्सान को राक्षस बना देते है जिनपर गोलियों का असर नहीं होता है और वो अमानवीय ताकत के मालिक बन जाते है, अब अगर दुनिया पर अधिकार करना है तो भूतनाथ को रस्ते से हटाना होगा, और फिर शुरु होता है,भूतनाथ से इनके टकराव की कहानी. ये टकराव आगे क्या रंग दिखता है आप को इस बेहतरीन कॉमिक्स में पढने को मिलेगा.


आप से बस एक अनुरोध
 कृपा इश्वर से प्राथना करें,की मै अपनी हिम्मत बनाये रखने में सफल रहूँ,और इश्वर मुझे हमेशा इतना देता रहे(जाहे कॉमिक्स या पैसे) जिससे मै अपने बचपन को बचाने और आप सब को कॉमिक्स पढने के लिए देतारहूँ,आप इश्वर से मेरे लिए प्राथना करें मै जल्दी ही आप सब से फिर मिलता हूँ .........

NCV-51-Vijeta Bhootnath


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नूतन चित्रकथा - विजेता भूतनाथ
 भूतनाथ चरित्र देवकीनंदन खत्री जी ने चंद्रकांता में दिया था, और बाद में उन्होंने भूतनाथ पर और भी पुस्तकें लिखी. पर आप किसी शंका में मत पड़िए, ये वो भूतनाथ नहीं है. हाँ नाम जरुर वहां से लिया गया है.नूतन चित्रकथा ने भूतनाथ पर सबसे ज्यदा कॉमिक्स छापी,और इनका सबसे ज्यादा चलने वाला चरित्र भी था. कहानियों की लिहाज़ से मुझे भूतनाथ की कॉमिक्स से कोई शिकायत कभी भी नहीं थी पर उस समय इतनी कॉमिक्स छपती थी की सारी कॉमिक्स खरीद पाना संभव नहीं था.
अब कुछ इस कॉमिक्स के बात कर ली जाये, इस कॉमिक्स में सनकी वैज्ञानिक और सत्ता का लोभी काबिले का सरदार मिलकर एक देश के राष्ट्रपति का अपहरण करके सत्ता पर कब्ज़ा कर लेते है,और अपनी खोज के जरिये अच्छे भले इन्सान को राक्षस बना देते है जिनपर गोलियों का असर नहीं होता है और वो अमानवीय ताकत के मालिक बन जाते है, अब अगर दुनिया पर अधिकार करना है तो भूतनाथ को रस्ते से हटाना होगा, और फिर शुरु होता है,भूतनाथ से इनके टकराव की कहानी. ये टकराव आगे क्या रंग दिखता है आप को इस बेहतरीन कॉमिक्स में पढने को मिलेगा.


आप से बस एक अनुरोध
 कृपा इश्वर से प्राथना करें,की मै अपनी हिम्मत बनाये रखने में सफल रहूँ,और इश्वर मुझे हमेशा इतना देता रहे(जाहे कॉमिक्स या पैसे) जिससे मै अपने बचपन को बचाने और आप सब को कॉमिक्स पढने के लिए देता रहूँ, आप इश्वर से मेरे लिए प्राथना करें मै जल्दी ही आप सब से फिर मिलता हूँ .........

Pawan Comics - Chalak Mahamantri


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Nutan Comics -188 Chalu Lomdi aur Sebon ki Barsat

Nutan Comics -188 Chalu Lomdi aur Sebon ki Barsat

TC - 346 Tausi aur Shaitan ka Beta


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TC - 195 Kismat ke Rang


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Sunday, November 4, 2012

Tinkal-07


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टिंकल-०७
 टिंकल की कहानियों के बारे में हम लोग जानते है, बेहतर कहानिओं का खज़ाना थी ये पत्रिका.
 इसे देखकर हमेशा मुझे दो बात का दुख होता है.
एक तो इसे बंद नहीं होना चाहिए था और दूसरा इसकी १-१५ तक पूरी सागर राणा को नहीं देना चाहिए था.
ये मै अच्छे से जानता हूँ ,इनके अलावा अब वो अप्लोअड हो पाएंगी कहना बहुत मुश्किल है. फिलहाल मेरे पास जो है मैंने अपलोड कर दी अब जो ऊपर वाले की मर्ज़ी होगी वही होगा.
आज मै कुछ बात अपने बारे में करना चाहता हूँ, मै अपने समय में बहुत अच्छा छात्र नहीं था, जिसके कारन १०वि और १२वि में बहुत अच्छे नम्बर . भी नहीं आये ऊपर से मेरे पास भविष्य के बारे में जानकारी रखने का न को जरिया था और न कोई इच्छा, नतीजा ये निकला की स्नातक मैथ से करने के बाद भी कोई नौकरी नहीं मिली, और मजबूरन मार्केटिंग करनी पड़ी और वो भी जीवन वीमा के झेत्र में, २००४ से लेकर २०११ तक ,पर किस्मत को ये भी रास नहीं आया मुझे २००७ से पैर के बाये घुटने में चोट लगी और लेगामेंट ने जबाब दे दिया पहले तो मैंने इस चोट गंभीरता से नहीं लिया पर जब ये चोट ४ सालों में ठीक नहीं हुयी तो मैंने पिछले साल मार्केटिंग छोड़ने का फैसला कर लिया और बी.एड. करने का फैसला किया और किया भी, पूरे साल बिना नौकरी और बिना पैसे के बिताना कैसा था वो मै ही जानता हूँ .
बस ऊपर वाले की दया बनी रही की मुझे होम टीयूसन मिलते रहे जिससे मेरा खर्चा किसी तरह चलता रहा, अभी B.एड. का रिजल्ट आया है, और एक स्कूल में पढ़ा रहा हूँ , स्कूल मुझे ६००० रूपये महिना देता है जिसके लिए मै सुबह ७ बजे घर छोड़ देता हूँ और फिर ३ बजे से होम टीयूसन रात ८ बजे तक फिर ९.३० तक घर पहुचता हूँ जिससे मै महीने में कुल मिला कर १२००० रूपये कम लेता हूँ अगर मै अपने पापा के साथ न रह रहा होता तो मै इस महगाई में जिन्दा ही नहीं रह पता.
मै एक एक पैसा खून पसीना एक करके कमाता हूँ ,और कॉमिक्स खरीदना इस मौहोल में मेरे लिए बहुत मुश्किल है, फिर भी मै ये काम अपना पेट काट करता हूँ . और यहाँ कुछ लोग है जो मुझे नीचा दिखाने के लिए कितना भी नीचा गिरने को तैयार बैठे है. मै उनसे बस इतना ही कहना चाहता हूँ की कही मुझे नीचा निखाने के चक्कर में आप इतना नीचे न चले जाये की आप को माइक्रोस्कोप से देखना पड़े.
अगर मै अपनी चीज़ किसी को नहीं देना चाहता तो इसमें मेरी क्या गलती है,
 आप के पास पैसा तो हो सकता है पर मेरी कॉमिक्स अब आप के पास नहीं हो सकती चाहे आप जैसे भी कोशिश कर लें.
आप मुझे दलाल बोले,विश्वास घाती बोले ,धोखेबाज़ बोले मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. पर यदि आप सच्चे कॉमिक्स प्रेमी है तो वो काम करिए जो इन कॉमिक्स को जिन्दा रखने के लिए जरुरी है,
 न मै, न आप हमेशा जिन्दा रहने वाले है पर अगर आप ने कॉमिक्स को अपने बक्से में रखते गए और उन्हें कही भी अपलोड नहीं किया तो फिर उनका अस्तिव हमेशा के लिए ख़तम हो जायेगा.
मुझे कोसने से मेरी कॉमिक्स आप को कभी भी नहीं मिलेगी चाहे जितना शोर मचा लीजिये.
 मै जितना भी मेहनत से कमाता हूँ मेरा काम उतने से चल जाता है. मुझे और किसी का लालच नहीं है.
 मै आप सभी लोगों से अनुरोध करता हूँ की यदि संभव हो तो आप सब मेरा हौसला बढायें,और ऐसे किसी इंसान को कॉमिक्स न दे जो सिर्फ बक्से में बंद करके रखता हो और अगर कभी भी देना ही पड़े तो कम से कम स्कैन करके उसे सबके साथ बांटे और इसके लिए मेरा ये ब्लॉग हमेशा आप के साथ है......

Pawan Comics - Tasvir ka Rahasya


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